PYAR WALI SHAYARI
*दिल के सच्चे लोग कुछ एहसास लिखते है ,*
*मामूली शब्दों में ही सही,* *कुछ खास लिखते है ...!!*

*घर का आईना भी, हक जता रहा है*                                
*ख़ुद तो वैसा ही है, उम्र मेरी बता रहा है.*

*रुतबा तो 'खामोशियों'का होता है*,'
*अल्फ़ाज' का क्या*,
*वो तो मुकर जाते है हालात देखकर* !
मेरे बाद किसी और को हमसफ़र बनाकर देख लेना .. तेरी ही धड़कन कहेगी कि उसकी वफ़ा में कुछ ओर ही बात थी।

हजारों चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको … पर… दिल भी जिद पे अड़ा था कि अगर वो नहीं ,तो उसके जैसा भी नहीं…
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